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- मुस्लिम भी करते हैं शक्तिपीठ की पूजा

मान्यता है कि परशुराम द्वारा 21 बार क्षत्रियों का अंत किए जाने पर बचे हुए क्षत्रियों ने माता हिंगलाज से प्राण रक्षा की प्रार्थना की. इस पर माता ने क्षत्रियों को ब्रह्म क्षत्रिय बना दिया, जिससे परशुराम से उन्हें अभयदान मिल गया. माता हिंगलाज माता वैष्णो की तरह गुफा में बैठी हैं. यहां दर्शन कर चुके लोगों का कहना है कि गुफा के अंदर का नजारा देखकर लगता है कि मानो हम वैष्णो देवी आ गये.
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